Indian Chess Team की 2024 Chess Olympiad में ऐतिहासिक जीत।
बुडापेस्ट में, एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, क्योंकि यह पहली बार था जब भारत ने पुरुषों और महिलाओं दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीते। इसने भारत को वैश्विक शतरंज की एक प्रमुख ताकत के रूप में स्थापित कर दिया।
जीएम गुकेश डोम्माराजू, अर्जुन एरिगैसी और प्रगनानंद रमेशबाबू सभी ने जीत हासिल की और Indian Chess Team ने 45वें फिडे शतरंज ओलंपियाड में स्लोवेनिया पर 3.5-0.5 की शानदार जीत दर्ज की। वे पांच टीमों से पूरे चार अंक आगे रहे, जीएम वेस्ले सो की एकमात्र जीत के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने रजत पदक जीता, जबकि उज्बेकिस्तान ने फ्रांस पर जीत और कांस्य पदक के लिए जीएम शम्सिद्दीन वोखिदोव को धन्यवाद दिया। चीन, सर्बिया और आर्मेनिया पोडियम से चूक गए।
इसके अलावा महिलाओं के 45वें फिडे शतरंज ओलंपियाड में, यह Indian Chess Team ही थी जिसने 2022 में घरेलू धरती पर खेलते हुए मामूली अंतर से चूकने के बाद पहली बार स्वर्ण पदक जीता। अजरबैजान को 3.5-0.5 से हराने के बाद, उन्होंने कजाकिस्तान को बराबर मैच प्वाइंट पर देखा। प्रारंभ में, उनका मैच अमेरिकी टीम के साथ टाई रहेगा।
पुरुष टीम की प्रदर्शन
Indian Chess पुरुष टीम, जिसमें शीर्ष ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश, आर. प्रज्ञानानंदा, अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती, और अनुभवी पेंटाला हरिकृष्णा शामिल थे, ने टूर्नामेंट में बेहद शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पूरे ओलंपियाड में कोई मैच नहीं हारा और अंतिम राउंड में स्लोवेनिया को 3.5-0.5 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।

खास बातें:
- गुकेश ने शीर्ष बोर्ड पर कई महत्वपूर्ण जीत दर्ज की, जिससे उनकी एक उभरते हुए सुपरस्टार की छवि और मजबूत हुई।
- प्रज्ञानानंदा और अर्जुन एरिगैसी ने भी निर्णायक मुकाबलों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- यह भारत का शतरंज ओलंपियाड के ओपन वर्ग में पहला स्वर्ण पदक था। इससे पहले, भारत ने 2014 और 2022 में कांस्य पदक जीता था।
महिला टीम की प्रदर्शन
Indian Chess महिला टीम ने भी इतिहास रचते हुए पहली बार स्वर्ण पदक जीता।

इस टीम में शामिल थीं:
- हरीका द्रोणावली, जिन्होंने पहले बोर्ड पर अहम जीत हासिल की, खासकर अंतिम राउंड में अज़रबैजान के खिलाफ।
- दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, और वैशाली रमेशबाबू ने भी अपनी-अपनी खेलों में शानदार प्रदर्शन किया।
हालांकि महिला टीम को आठवें राउंड में पोलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा और नौवें राउंड में अमेरिका से बराबरी की, लेकिन उन्होंने चीन और अज़रबैजान के खिलाफ निर्णायक जीत हासिल की। यह महिला टीम का पहला स्वर्ण पदक था, और इससे पहले 2022 में उन्होंने कांस्य पदक जीता था।
गाप्रिंडशविली ट्रॉफी
भारत ने पहली बार गाप्रिंडशविली ट्रॉफी जीती, जो उस देश को दी जाती है जिसका प्रदर्शन पुरुष और महिला दोनों वर्गों में सबसे अच्छा होता है। भारतीय टीमों के दोनों वर्गों में शानदार प्रदर्शन ने इस पुरस्कार को हासिल करने में मदद की।
महत्व
- यह डबल स्वर्ण भारतीय शतरंज के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, विशेष रूप से युवा प्रतिभाओं जैसे गुकेश और प्रज्ञानानंदा के उभार के बाद।
- इस जीत से यह भी स्पष्ट होता है कि विश्वनाथन आनंद द्वारा स्थापित मजबूत नींव ने भारतीय शतरंज खिलाड़ियों की नई पीढ़ी को प्रेरित किया है।
2024 शतरंज ओलंपियाड में भारत की यह ऐतिहासिक जीत यह दर्शाती है कि अब भारत वैश्विक शतरंज में शीर्ष पर है, और दोनों वर्गों में उसकी गहराई और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
Also check the Chess में भारत की Remarkable Journey: विश्वनाथन आनंद से उभरते युवा सितारों तक…